कौन नहीं है ठग मेरे यारो |
डा. रजनीकांत |
हमारी नानी जी चित्त हो गईं, नानी के पास एक भैंस थी। शाहनी जी! ऐसी भैंस आप के पास जचती नहीं।
सींग तो देखो जरा। कितने भद्दे लगते हैं। मैं आपके खूंटे पर एक सुन्दर सी भैंस देखना चाहता हूं।
दो दिन में मैं स्वयं बांधकर जाऊंगा। |
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सुनो जी, कहां जाएं पति बेचारे? |
डा. रजनीकांत |
बेचारा बाहर आंगन में चारपाई डालकर सो गया। पत्नी ने आव देखा न ताव, चुपके से पानी की बालटी उठाई
और पतिदेव के ऊपर गिरा दी, सभी आश्चर्य चकित। ये इस वीर पत्नी को क्या सूझी? पति से बदला लेने का
अनूठा ढंग कोई इस वीरांगना से सीखे? |
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