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हास्य, व्यंग्‍य
इस बार गेंदा राम जी नहीं उनकी सुपुत्री गुलाबो देवी चुनाव लडेगी। स्रोत        यू.एन.एन.
स्‍्थान       शिमला
लेखक        डॉ. नवीन शर्मा
चुनाव नज़दीक आने को हैं, राजनीति के पहलवानों ने अभी से मजबूत लंगोट सिलाने शुरू कर दिये हैं। मालिश का दौर भी शुरू हो गया है, कोई कह रहा है कि मैं 'गामा' पहलवान हूं तो कोई हांक रहा है कि चुनाव के अखाड़े में वो मास्टर चांदगी राम के दाव पेच लगाएगा और अपने विरोधी को चारों खानें चित करके ही रहेगा।

उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि होने वाले दंगल में इस बार महिला पहलवानों की संख्या भी काफी रहेगी तो लोगों में यह चर्चा भी हो रही है कि कुछ पहलवान भाई दल का टिकट न मिलने से ऐसे आहत होंगे कि उन्हें दूसरे दल का दामन थाम कर अखाड़े में उतरना पड़ेगा, यानि कि पहलवान तो वही होंगे मगर लंगोट का रंग बदल जायेगा।

हुआ यूं कि मैं सुबह-सवेरे एक समाचार पत्रा के 'पहले पेज' के 'बॉक्स' में और वो भी बोल्ड शब्दों में बलात्कार होने की वह खबर पढ़ रहा था जिसमें यह दावा भी किया गया था कि संबन्ध्ति खबर समाचार पत्रा की 'एक्सक्लयूसिव' स्टोरी रही है, तो इतने में मेरे 'गरीब खाने' की घंटी घनघना उठी, मन ही मन प्रातःकाल घंटी बजाने वाले को कोसते हुए दरवाजा खोलने के लिए उठने लगा क्योंकि एक्सक्लयूसिव खबर अभी तक पूरी नहीं पढ़ पाया था- केवल आधे तक ही पहुंचा था जहां समाचार पत्रा के वरिष्ठ संवाददाता ने जोरदार शब्दों में कुछ ऐसा लिखा था फ्कि जिन अन्य समाचार पत्रों ने पिछले दिनों यह दावा किया था कि बलात्कार की शिकार हुई युवती अविवाहित थी, यह गलत है क्योंकि शिकार हुई युवती अविवाहित नहीं है बल्कि उसके तीन बच्चे भी है- यही नहीं बलात्कार करने वालों की संख्या दो नहीं सात थी। खैर मैंने दरवाजा खोला तो दिल 'बल्ले-बल्ले' कहने लगा-सामने पुराने नेता गेंदा राम जी की सुपुत्री, कुमारी गुलाबो देवी खड़ी थी।

मैं बोल उठा- अहो भाग्य हमारे मैडम जी जो आप इस घर पधरे। गुलाबो देवी गंभीर मुद्रा में थी और भीतर आते ही फुसफुसा कर बोली हमें आप से यह आशा नहीं थी कि आप इतने वरिष्ठ पत्राकार होने पर भी यह महत्वपूर्ण जानकारी समय पर प्राप्त कर 'डैडी जी' को नहीं दे पाएंगे। मैं कुछ चौंकां, बात समझ नहीं आई तो पूछ बैठा- गुलाबो जी आखिर बात क्या है, आप इतनी परेशान क्यों हैं? वो फट पड़ी -परेशान न हों तो क्या करें- आप को खबर तक नहीं है कि डैडी को इस बार पार्टी का टिकट नहीं दिया जा रहा है- दूसरे खेमें वालों ने 'हाईकमान' को भड़का दिया है कि डैडी जी अब 'एजड' हो गए हैं।

आप बैठिए और शांत रहिए, मैं बोला-आप के डैडी का यह सेवक किस लिए है'-गेंदा राम जी की उम्र ज्यादा हो गई है और इसी वजह से उन्हें पार्टी का टिकट न मिलने का खतरा पैदा हो गया है- तो भी आप इस खतरे को कोई खतरा न समझें। आप कहना क्या चाहते हैं, गुलाबो देवी ने बड़ी उत्सुकता से पूछा। मैंनें हंसते हुए कहा-आपके डैडी के बाल सफेद हो गए हैं, आप के तो नहीं हुए न गुलाबो जी- इससे पहले कि दूसरे खेमे वाले और शरारत करें, आप चुनाव लड़ने की घोषणा कर दें। गुलाबो देवी ने मुझे आश्चर्य से देखा ओर बोली- मगर मैं तो राजनीति में जीरो हूं।

मैं बोला-ऐसा न कहिए, न तो आप राजनीति में जीरो हैं न ही समाज सेवा में- आपकी सबसे बड़ी योग्यता यही है आप गेंदा राम जी की बेटी हैं, राजनीति में परिवारवाद का बोलबाला है आप को ही टिकट मिलेगा और दूसरे खेमें वालों के हाथ से तोते उड़ जाएंगे-अभी मैं कोई और अमूल्य राय दे सकता कि गुलाबो देवी जी यह कहते हुए बाहर की ओर लपकी-'यू आर जीनियस मैन! अभी जाकर चुनाव फाईट करने की एनांउसमेंट' करती हूं। गुलाबो जी चली गई और मैं फिर खबर की अगली लाईन को पढ़ने लगा-वरिष्ठ संवाददाता ने आगे लिखा था कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि बलात्कार बंद कमरे में नहीं हुआ बल्कि नजदीक के एक खेत में हुआ था! समाचार के साथ एक खेत की तस्वीर भी छपी थी जिसके नीचे लिखा था-वह संभावित खेत जहां बलात्कार हुआ !

लेखक वरिष्ठ पत्राकार है तथा वर्तमान में समाचार तथा फीचर एजेंसी यू.एन.एन. के सम्पादक है।