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कविता
गीत स्रोत        यू.एन.एन.
स्‍्थान       शिमला
लेखक        डा. केशव शर्मा
जब दिल होता मोहताज कभी,
आ जाती तुम्हारी याद तभी.

मेरे जीवन के मौसम में,
खुश्की है कभी बरसात कभी.

मन का क्या हाल कहूं यारब,
है शाद कभी नाशाद कभी.

तस्वीर तुम्हारी जब देखूं,
दिल मिलने को बेताब तभी.

अश्कों ने बगावत कर डाली,
बहने को नहीं बेताब कभी.

तबियत की मेरी कुछ मत पूछो,
आफ़ताब कभी मेहताब कभी.

चुपके से भी मिलना क्या मिलना,
आ जाओ खुले में यार कभी.

(यू.एन.एन.)