कविता
 
याद
डा. केशव शर्मा
लौटकर आपकी याद आने लगी,
दिल की बगिया पुन: मुस्कुराने लगी.
आप आएंगे स्वप्नों में जब ये सुना,
शुष्क धरती मेरी लहलहाने लगी.
विस्‍तार से .....
गज़ल
डा. केशव शर्मा
कैसे खोलें अब यहां पर हम ज़ुबां,
हो गये हैं सब गिले शिकवे अयां।
मकसद-ए-फ़रयाद हमको याद था,
रु-ब-रु होकर हुए हैं बेज़ुबां।
विस्‍तार से .....
 
गीत
डा. केशव शर्मा
जब दिल होता मोहताज कभी,
आ जाती तुम्हारी याद तभी.
मेरे जीवन के मौसम में,
खुश्की है कभी बरसात कभी.
विस्‍तार से .....
सांप दो मुंहें
जगदीश शर्मा
छोटा सा जब
नानी कहा करती थी :
बांवड़ी पर मत जाना
वहां रहते हैं दो मुंहें सांप
विस्‍तार से .....
 
जीवाष्म
जगदीश शर्मा
यह बात आज अचानक ही नहीं, कि -
आज फिर मेरी रगो में
एक ''भूंक1'' ने जन्म लिया है
ऐसा अक्सर फिर-फिर हो आता है,
विस्‍तार से .....
आज का अभिमन्यु
जगदीश शर्मा
तब अभिमन्यु ने जो सुना-
उसको आत्मसात किया और-
फिर किया उसके अनुसार आचरण-
शुद्ध-निर्विकार/आत्मबल पर,
विस्‍तार से .....