श्रीबज्रेश्वरी नगरकोट कांगड़ा |
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महाभारत काल के त्रिगर्त नरेश सुशर्मन का सुशर्मपुर यहां के अजेय दुर्ग की प्रसिद्धि के कारण बाद में नगरकोट कहलाया। कोट शब्द दुर्ग या किला का अर्थ देता है और नगर से तात्पर्य यहां सुख-सुविध सम्पन्न शहर से |
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दिव्य ज्योति है ज्योतिष |
राजेन्द्र भट्ट |
ज्योतिष का अध्ययन पंचांग से प्रारम्भ होता है। पंचांग का अर्थ है 'पंच+अंग' का ज्ञान। ये पांच अंग क्रमश
तिथि, वार, नक्षत्र योग और करण है। तिथि के आधे भाग को करण कहा जाता है। विष्टि करण को 'भद्रा'
भी कहते है। पंचाग में तिथि, वार, |
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