शिमला (यू.एन.एन.)
हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा जिला राज्य का ऐसा जिला आंका गया है जहां शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की संख्या
सबसे ज्यादा है। एक प्रमाणिक रपट के अनुसार कुछ अवधि पूर्व सम्बन्धित जिले में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों
की संख्या 31238 थी जोकि इस जिले की कुल जनसंख्या का 2.8 प्रतिशत बनता है।
जहां तक हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश का सम्बन्ध है, पूरे प्रदेश में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की संख्या
1,56,000 से भी कुछ अधिक पाई गई है जबकि यह बात उल्लेखनीय है कि ऐसे लोगों में महिलाओं की तुलना
में पुरूषों की संख्या अधिक है। आंकड़ों के अनुसार जहां राज्य में शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं की संख्या
करीब 66000 है वहीं पुरूषों की संख्या 91000 के करीब पहुंच रही है। राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 2.9
प्रतिशत भाग शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का है।
जहां कांगड़ा जिले से राज्य के कुल अक्षम लोगों का 20 प्रतिशत भाग है वहीं मण्डी जिला ऐसा जिला है जहां ऐसे
लोगों की संख्या 24214 आंकी गई है जोकि सम्बन्धित जिले की कुल जनसंख्या का 2.7 प्रतिशत बनता है। यह
जिला ऐसा जिला बन गया है जहां राज्य के कुल अक्षम लोगों का 15.5 प्रतिशत भाग रहता है।
शिमला जिला अक्षम लोगों को नज+र में रखते हुए तीसरे स्थान पर है जहां ऐसे लोगों की संख्या 14700 का
आंकड़ा पार कर रही है। िमला जिले के बाद सिरमौर जिले में 13800, हमीरपुर में 13300, सोलन में 11570,
बिलासपुर में 11540, चम्बा में 11360 तथा ऊना जिले में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की संख्या 11180
आंकी गई है। इन आंकड़ों में कुछ बढौतरी दर्ज की जा रही है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सीमावर्ती जिलों में ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है। लाहौल स्पीति जिले में सबसे
कम 770 अक्षम लोग हैं जबकि किन्नौर जिले में इनकी संख्या 2600 है। जहां तक कुल्लू जिले का प्र्न है इस
जिले में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की संख्या 9800 है। हिमाचल में अक्षम लोगों में सर्वाधिक संख्या उन
लोगों की है जोकि नेत्रों की दृष्टि से अक्षम कहे जा सकते हैं। ऐसे लोगों का कुल प्रतित 41.2 बनता है क्योंकि
इनकी संख्या 64200 के करीब आंकी गई है। 12770 लोग ऐसे हैं जो बोलने के दृष्टिकोण से अक्षम कहे जा
सकते हैं। इनका प्रतित 8.3 के करीब बनता है।
राज्य में चलने की नज+र से जिन लोगों को शारीरिक रूप् से अक्षम आंका जा सकता है उनका प्रतित 29.9 बनता
है क्योंकि उनकी कुल संख्या 46530 के करीब है।
हिमाचल की कुल जनसंख्या में से 15250 लोग ऐसे हैं जो सुनने की नज+र से शारीरिक रूप से अक्षम हैं। इनका
प्रतित 9.9 के लगभग बनता है। अक्षम लोगों में बोलने की दृष्टि से प्रभावित लोगों की कुल संख्या 12770 है
जोकि अक्षम लोगों की संख्या का 30 प्रतित बनता है।
राज्य के कुल ऐसे अक्षम लोगों में से 81240 लोग साक्षर हैं जबकि 74710 लोग निरक्षर हैं। जहां तक विभिन्न
काम धंधों में भाग लेने का प्र्न है शारीरिक रूप से अक्षम लोगों में से 65000 के करीब लोग किसी न किसी
काम धंधे से जुड़े हैं तथा ऐसे लोगों का प्रतित 41.8 के करीब बनता है। शारीरिक रूप से अक्षम वह लोग जो
किसी न किसी काम धंधे में लगे हैं, में से अधिकांष लोग वह हैं जिन का सम्बन्ध कृषि कार्यों से है। 24000 से
कुछ अधिक पुरूष और 19000 के करीब महिलाएं कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं।
1473 के करीब लोग ऐसे हैं जो छोटे घरेलू उद्योगों से जुड़े हैं। 18500 के करीब अक्षम लोग ऐसे हैं जो अन्य
काम धंधों में संलग्न हैं।
उपलब्ध आंकड़ों से यह बात स्पष्ट होती है कि हिमाचल प्रदे में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों में से जो लोग किसी
काम धंधे में लगे हैं उन में से अधिकां ऐसे लोग हैं जो या तो स्वयं कृषक हैं अथवा जिन्हें कृषि मजदूर कहा जा
सकता है। जहां तक घरेलू उद्योगों में कार्यरत लोगों का सवाल है, इनका प्रतित केवल 2.4 बैठता है। अन्य काम
धंधों में संलग्न ऐसे लोगों का प्रतित 28.5 है जबकि 69 प्रतित लोग किसी न किसी रूप में कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं।
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